आधार, पैन और राशन कार्ड से नहीं साबित होगी भारतीय नागरिकता, सिर्फ ये 2 ID मानें जाएंगे भारतीय नागरिकता के सबूत Indian Citizenship Proof Rules

Indian Citizenship Proof Rules: भारतीय नागरिकता को लेकर एक बड़ा बदलाव सामने आया है। अब आधार कार्ड, पैन कार्ड और राशन कार्ड को भारतीय नागरिकता का प्रमाण नहीं माना जाएगा। यह फैसला दिल्ली पुलिस ने लिया है और इसका मकसद अवैध प्रवासियों की पहचान और निगरानी को और सख्त बनाना है। खासकर बांग्लादेश और रोहिंग्या समुदाय से आने वाले लोगों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए भारतीय नागरिक बनने की कोशिशों पर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठाया गया है।

क्या है नया नियम?

दिल्ली पुलिस ने हाल ही में एक नई जांच प्रक्रिया लागू की है, जिसके तहत अब भारतीय नागरिकता का प्रमाण केवल दो दस्तावेज़ों से ही माना जाएगा:

  1. वोटर आईडी कार्ड (मतदाता पहचान पत्र)

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  2. भारतीय पासपोर्ट

अगर किसी व्यक्ति के पास इन दोनों में से कोई एक भी वैध दस्तावेज नहीं है, तो वह खुद को भारतीय नागरिक साबित नहीं कर सकता। ऐसे मामलों में व्यक्ति को नागरिकता के दावे के लिए न्यायालय का सहारा लेना पड़ेगा।

आधार, पैन और राशन कार्ड क्यों नहीं मान्य?

पिछले कुछ वर्षों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें अवैध प्रवासियों ने फर्जी तरीके से आधार कार्ड, पैन कार्ड और राशन कार्ड हासिल किए हैं। ये दस्तावेज आसानी से बनवाए जा सकते हैं और इनका उपयोग नागरिकता साबित करने के लिए किया जाता रहा है। लेकिन अब दिल्ली पुलिस ने साफ कर दिया है कि ये दस्तावेज केवल पहचान पत्र हो सकते हैं, नागरिकता का प्रमाण नहीं।

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निगरानी बढ़ी, कार्रवाई शुरू

अप्रैल 2025 के अंत से दिल्ली के सभी जिलों में यह नई नीति लागू कर दी गई है। हर जिले के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (DCP) को आदेश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में संदिग्ध प्रवासियों की पहचान करें और आवश्यक कार्रवाई करें।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कई अवैध प्रवासी भारतीय नागरिकों की तरह जीवन बिता रहे हैं और सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं, जबकि उनके पास असली नागरिकता नहीं है।

शरणार्थियों की स्थिति

कुछ प्रवासियों के पास UNHCR (United Nations High Commissioner for Refugees) द्वारा जारी शरणार्थी कार्ड होते हैं। लेकिन दिल्ली पुलिस का कहना है कि जब तक भारत सरकार उन्हें आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं देती, तब तक यह कार्ड देश में रहने का वैध आधार नहीं माना जाएगा। ऐसे मामलों में भी व्यक्ति को देश से डिपोर्ट (देश निकाला) किया जा सकता है।

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सुरक्षा के कारण बढ़ी सख्ती

यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब हाल ही में जम्मू-कश्मीर में एक आतंकी हमले में 28 पर्यटकों की मौत हो गई थी। इसके बाद गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान से आने वाले नागरिकों के अधिकतर वीजा रद्द कर दिए हैं, जिसमें मेडिकल और सामान्य वीजा शामिल हैं। केवल डिप्लोमैटिक, लॉन्ग-टर्म और चुनिंदा मेडिकल वीजा ही वैध रह गए हैं।

दिल्ली में अभी करीब 3,500 पाकिस्तानी नागरिक मौजूद हैं, जिनमें से 520 मुस्लिम नागरिकों में से 400 से ज्यादा लोग हाल ही में पाकिस्तान लौट चुके हैं। यह अभियान अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया है।

निष्कर्ष

भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए अब केवल वोटर आईडी और भारतीय पासपोर्ट को ही वैध दस्तावेज माना जाएगा। आधार, पैन और राशन कार्ड अब केवल पहचान के रूप में माने जाएंगे, नागरिकता के प्रमाण के रूप में नहीं। इस फैसले से अवैध प्रवासियों पर नियंत्रण में मदद मिलेगी और देश की सुरक्षा को मजबूत किया जा सकेगा।

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