500 रुपये के नोट पर आरबीआई का बड़ा फैसला, नए नियमों को जानना अब सबके लिए जरूरी RBI Guidelines 500 Note

RBI Guidelines 500 Note: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अद्यतन संस्करण हाल ही में 500 रुपये के नोट को लेकर सामने आया है। इन दिशानिर्देशों का मुख्य उद्देश्य आम जनता को असली और नकली नोटों के बीच भेद करने में मदद करना है। आज के इस लेख में, हम 500 रुपये के नोट की प्रमुख विशेषताएँ, उसकी सुरक्षा विशेषताएँ, और नकली नोटों से बचाव के उपायों पर चर्चा करेंगे।

500 रुपये के नोट की प्रमुख विशेषताएँ

500 रुपये का नोट स्टोन ग्रे रंग का होता है, और इसका आकार 63 मिमी x 150 मिमी है। इस नोट के मध्य में महात्मा गांधी की तस्वीर होती है, जो इसके पहचान का प्रमुख संकेत है। इसके अलावा, नोट पर ‘500’ अंक देवनागरी लिपि में दर्शाया गया है और माइक्रो अक्षरों में ‘भारत’ और ‘India’ लिखा है। नोट के पीछे ऐतिहासिक लाल किला भी अंकित किया गया है, जो भारत की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है।

सुरक्षा धागा (Security Thread)

500 रुपये के असली नोट की एक महत्वपूर्ण विशेषता इसका सुरक्षा धागा है, जिस पर ‘भारत’ तथा ‘RBI’ लिखा होता है। जब इस नोट को हल्का झुकाया जाता है, तो सुरक्षा धागा हरे से नीले रंग में बदल जाता है। यह ‘कलर शिफ्ट’ का संकेत होता है, जो नकली नोट में नहीं पाया जाता। इस विशेषता की जांच करना किसी भी लेन-देन में बहुत आवश्यक है।

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वॉटरमार्क और अन्य सुरक्षा विशेषताएँ

असली 500 रुपये के नोट पर महात्मा गांधी का वॉटरमार्क होता है, जिसे प्रकाश में देखकर देखा जा सकता है। इसके अलावा, ‘500’ अंकित इलेक्ट्रोटाइप भी नोट पर होता है। नोट के ऊपरी बाईं ओर और निचली दाईं ओर बढ़ते हुए फॉन्ट में नंबर पैनल होता है, जो इसकी प्रामाणिकता को दर्शाता है। दाहिने भाग में अशोक स्तंभ का प्रतीक और स्वच्छ भारत अभियान का लोगो भी या जाता है, ये सभी विशेषताएँ इस नोट की पहचान के लिए मौलिक हैं।

नकली और असली नोट की पहचान कैसे करें?

RBI द्वारा दिए गए संगत दिशानिर्देशों के अनुसार, असली नोट की पहचान के लिए कुछ मुख्य विशेषताओं पर ध्यान देना आवश्यक है:

  • सुरक्षा धागे का रंग बदलना: यदि धागा हरे से नीले रंग में परिवर्तित होता है, तो यह पुष्टि करता है कि नोट असली है।
  • वॉटरमार्क की जांच: महात्मा गांधी की स्पष्ट छवि और ‘500’ अंकित इलेक्ट्रोटाइप को देखें, जो केवल असली नोट में ही उपलब्ध होते हैं।
  • माइक्रो अक्षर: ‘भारत’ और ‘India’ छोटे अक्षरों में सही ढंग से छपे होने चाहिए।
  • स्पर्शनीय विशेषताएँ: नोट पर उभरे हुए अंक और प्रतीक को महसूस करना जरूरी है, क्योंकि यह असली नोट की एक और पहचान है।

नकली नोटों से बचाव के उपाय

नकली नोटों की समस्या से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं, जिनका पालन करना चाहिए:

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  • संदिग्ध नोटों को स्वीकार न करना: यदि आपको कोई नोट संदेहास्पद प्रतीत होता है, तो उसे स्वीकार न करें।
  • बड़े लेन-देन में सावधानी बरतें: बड़े लेन-देन करते समय सावधानी बरतें और जहां संभव हो, डिजिटल भुगतान को प्राथमिकता दें।
  • नजदीकी बैंक शाखा में संदिग्ध नोट जमा करें: यदि कोई नोट संदेहास्पद हो, तो उसे नजदीकी बैंक में जमा करें ताकि इसकी प्रामाणिकता पुष्टि की जा सके।
  • नकली मुद्रा का उपयोग कानूनन अपराध है: इससे संबंधित अनुशासन का ध्यान रखना आवश्यक है क्योंकि नकली मुद्रा का उपयोग एक गंभीर अपराध है।

निष्कर्ष

500 रुपये के नोट की उपयोगिता और प्रामाणिकता को सुनिश्चित करने के लिए इसकी सुरक्षा विशेषताओं की जांच करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। RBI द्वारा जारी ये दिशा-निर्देश न केवल आम जनता को अवगत कराते हैं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी सुरक्षित रखते हैं। यदि आप इन विशेषताओं पर ध्यान दें, तो नकली और असली नोट में भेद करना आसान हो जाएगा। यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है, अधिक जानकारी के लिए RBI की आधिकारिक वेबसाइट या नजदीकी बैंक से संपर्क करें।

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